Supreme Court on Adani

Supreme Court on Adani: सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि केंद्र सरकार और सेबी बताए कि अडाणी हिंडनबर्ग मामले में वो कहां खड़े हैं?

Supreme Court on Adani:  निवेशकों की सुरक्षा के लिए मजबूत नियामक तंत्र लागू करने के अलावा क्षेत्र के विशेषज्ञों और अन्य लोगों की एक समिति बनाई जाए

Supreme Court ने 10 फरवरी 2023 को कहा कि यह सुनिश्चित करने के लिए एक मजबूत तंत्र होना चाहिए कि शेयर बाजार में भारतीय निवेशकों के हितों की रक्षा हो. न्यायालय ने अदाणी समूह के शेयर मूल्य के ‘कृत्रिम तौर पर गिरने’ और निर्दोष निवेशकों के शोषण का आरोप लगाने वाली जनहित याचिकाओं पर केंद्र और बाजार नियामक सेबी से अपना पक्ष रखने को भी कहा है.

मामले की सुनवाई प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ के अध्यक्षता वाले पीठ ने आधुनिक समय में निर्बाध पूंजी प्रवाह वाले बाजार में निवेशकों के हितों की रक्षा के लिए नियामक तंत्र को मजबूत बनाने सहित विभिन्न मुद्दों पर वित्त मंत्रालय और अन्य से जानकारी मांगीं पीठ में न्यायमूर्ति पीएस नरसिम्हा और न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला भी शामिल हैं और यह पीठ 3 सदस्यों वाला है.

पीठ ने ‘निवेशकों की सुरक्षा के लिए मजबूत नियामक तंत्र’ लागू करने, क्षेत्र के विशेषज्ञों और अन्य लोगों की एक समिति बनाने का सुझाव दिया है. भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि बाजार नियामक और अन्य वैधानिक निकाय आवश्यक कार्रवाई कर रहे हैं.

Supreme Court ने कहा कि वह ‘सिर्फ विचार कर रही है’ और मामले के गुणदोष पर कोई टिप्पणी नहीं कर रही है. ‘शेयर बाजार आमतौर पर भावनाओं पर चलते हैं’, इसलिए टिप्पणी नहीं की जा रही है. न्यायालय ने 2 जनहित याचिकाओं पर अगली सुनवाई 13 फरवरी को करेगा, जिनमें हिंडनबर्ग रिपोर्ट में जांच समेत कई राहत की मांग की गई है.

वकील विशाल तिवारी ने जनहित यायिका दायर की थी. इसमें हिंडनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट की जांच के लिए Supreme Court के एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश की निगरानी में एक समिति गठित करने का केंद्र को निर्देश देने की मांग की गई है.

रिपोर्ट में उद्योगपति गौतम अदाणी के नेतृत्व वाले अदाणी समूह के खिलाफ कई आरोप लगाए गए हैं. वकील एमएल शर्मा ने एक अन्य याचिका दायर की थी. इसमें अमेरिका की वित्तीय शोध कंपनी ‘हिंडनबर्ग रिसर्च’ के नाथन एंडरसन और भारत तथा अमेरिका में उनके सहयोगियों के खिलाफ मुकदमा चलाने की मांग की गई थी. इसमें कथित रूप से निर्दोष निवेशकों का शोषण करने और अदाणी समूह के शेयर के मूल्य को ‘कृत्रिम तरीके’ से गिराने की बात कही गई है.

शर्मा ने ‘शॉर्ट सेलिंग’ को निवेशकों के खिलाफ अपराध घोषित करने का निर्देश देने की मांग की. इसे सेबी अधिनियम के प्रावधानों के साथ भारतीय दंड संहिता की धारा 420 (धोखाधड़ी) के तहत अपराध घोषित किए जाने की मांग की गई है. ‘हिंडनबर्ग रिसर्च’ द्वारा अदाणी समूह पर फर्जी लेन-देन और शेयर की कीमतों में हेरफेर सहित कई आरोप लगे और उसके शेयर जमींदोज हो गए.

 

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