आप लाल किले से भारत को बुद्ध की धरती कहें या प्रेमिका की बाहों से, शांति तभी मिलेगी जब बुद्धिज्म अपनाएंगे : धम्मपद-9

बुद्धिज्म अपनाने के लिए कुछ शील पर प्रतिज्ञाएं बताई गई हैं, उसका पालन करने पर ही जीवन में शांति आ सकती है। बुद्धिज्म जीने की एक कला है। एक जीवन पद्धति है। कुछ ऐसे आचरण अपनाने पड़ते हैं, जिससे आप बुद्ध होते हैं, आप व्यापक होते हैं। बता रहे हैंRead More →

कोई पाप कर रहा है और सुखी है यह सोचकर अगर आप विलाप करते हैं तो आप आंतरिक रूप से ईमानदार नहीं

अक्सर लोग यह कहते हुए रोते रहते हैं कि फलाना बाबा दूसरों को त्याग सिखाते हैं, खुद महंगी कार से घूमते हैं। हमारी जिंदगी कितनी सच्ची है, इसलिए दुखी रहना पड़ता है। ऐसे लोग आंतरिक रूप से ईमानदार नहीं होते। अच्छा कर्म हर हाल में, हर परिस्थिति में सुख देताRead More →