अपनी चोरी अच्छी और दूसरे की चोरी अन्याय लगती हो तो आप अपने भीतर के बोध की हत्या कर चुके हैं

सत्येन्द्र पीएस एक मेरे परिचित भाई साहब रोजाना कांग्रेस को गरियाते थे। वह कांग्रेस, सपा, बसपा आदि दलों के प्रति बहुत ही निष्ठुर थे। संभवतः अभी भी होंगे। वह राष्ट्रीय सेवक संघ और भारतीय जनता पार्टी से बहुत प्रभावित थे। आरएसएस-भाजपा के अलावा वह हर किसी को चोर मानते थे।Read More →