इंदिरा गांधी अपनों से हारीं

वीर विनोद छाबड़ा उन्तालीस साल पहले. आज ही का दिन था. दोपहर चढ़ रही थी. एक हृदय विदारक ख़बर आयी. यकीन नहीं हुआ कि प्रधानमंत्री की भी कोई हत्या कर सकता है और वो भी इंदिरा जी जैसी लौह महिला की. ज़बरदस्त सुरक्षा कवच था उनके आस-पास. जिसने भी सुनाRead More →