केपी सक्सेना

वीर विनोद छाबड़ा मैं केपी सक्सेना जी को केपी चाचा के तौर पर याद करता हूँ. वो मेरे पिता, उर्दू के मशहूर जनाब रामलाल साहेब के मित्र थे. मैं बहुत छोटा था उन दिनों. ये साठ के सालों के शुरूआत के दिन थे. वो चारबाग़ रेलवे स्टेशन पर सहायक स्टेशनRead More →