वैज्ञानिक प्रगति

वैज्ञानिक प्रगति ने हमको बम, हाइड्रोजन बम, परमाणु बम, मिसाइल आदि आदि दिया है, छोटे मोटे लोग बंदूक, रिवाल्वर का लाइसेंस पाकर भी धन्य

धर्म और विज्ञान को लेकर तरह तरह का रायता फैलता है। ईश्वरवाद, अनीश्वरवाद, नास्तिकवाद तो है ही। सैकड़ों तरह के और भी वाद हैं, गांधीवाद, गोडसेवाद, सावरकरवाद, लोहियावाद, मार्क्सवाद, हीगलवाद, माओवाद, लेनिनवाद आदि आदि। मुझे सारे वाद आयुर्वेद के मुताबिक कब्जियत जैसे लगते हैं और अगर कोई वादी हो गया तो तरह तरह के गैस छोड़ेगा।
वैज्ञानिक प्रगति ने हमको बम, हाइड्रोजन बम, परमाणु बम, मिसाइल आदि आदि दिया है। छोटे मोटे लोग बंदूक, रिवाल्वर का लाइसेंस पाकर भी धन्य हो जाते हैं। उससे छोटे लोग वैज्ञानिकों का अनुसरण करके कट्टा बना लेते हैं, उसी में खुश हो जाते हैं कि हम भी वैज्ञानिक हुए और किसी की हत्या कर सकते हैं। जो कट्टा न बना पाए, वह दूसरे का बनाया कट्टा ही अपने लिंग के समीप खोंसे रहकर ताकतवर फील करते हैं कि हम हत्या कर देने में सक्षम हैं। और जो रूस अमेरिका के राजा बने बैठे हैं वह यूक्रेन और फिलिस्तीन पर बम मिसाइल मारकर अपनी वैज्ञानिक प्रतिभा दिखा रहे हैं कि देखो, हम कितने विकसित हैं, एक साथ इतनी हत्याएं कर सकते हैं, इतना बड़ा नरसंहार कर सकते हैं।
यह वैज्ञानिक प्रगति उन मनुष्यों को मार डालने के लिए की गई है, जो बेचारा पैदा होते ही मरने की ओर बढ़ने लगता है और अमूमन 80/100 साल का होते होते मर जाता है। कछुए जितना भी नहीं जी पाता अपनी तमाम बुद्धि विवेक के साथ।
जो भी चीजें जीवित और चलती फिरती हालत में हैं, जो भी जीव चल फिर सकता है, वह चाहे नाली का बजबजाता कीड़ा हो या भारत का प्रधानमंत्री। मौत से बचने की कोशिश करता है। उसे आप मारने जाएंगे तो अपना बचाव करेगा, यथासम्भव जान बचाने की कोशिश करेगा।
मनुष्य ने केवल इतनी प्रगति की है कि वह अन्य मनुष्यों का नरसंहार कर सकता है, मनुष्यों ही नहीं, अन्य जीवों को भी मार सकता है, जबकि उसके अंदर इतनी चेतना है कि जिस व्यक्ति को हम मारने जाजे रहे हैं वह कुछ साल, कुछ दशक में खुद ब खुद मर जाएगा।
दलाई लामा ने कभी कहा था कि विश्व को विजेताओं से ज्यादा जरूरत प्रेम करने वालों की है। आज 3 अप्रैल 2024 को दलाई लामा के दीर्घायु की कामना की गई और उन्होंने अपना 3 मिनट का संक्षिप्त संदेश भी दिया। आप भी कामना करें कि वाद की बीमारी से मुक्त होकर जीवन की अमूल्यता हर चेतन प्राणी को समझ में आ सके।
0Shares

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *