अदाणी समूह

अदाणी समूह के खिलाफ हिंडनबर्ग के आरोपों पर सुप्रीम कोर्ट में सेबी ने क्या कहा, आइए जानें…

उधर अदाणी समूह ने कंपनियों के स्वतंत्र ऑडिट के लिए अकाउंटेंसी फर्म ग्रांट थॉर्नटन को नियुक्त किया है

बाजार नियामक प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड यानी सेबी ने 13 फरवरी 2023 को उच्चतम न्यायालय को सौंपे एक पत्र में कहा है कि वह अमेरिकी शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग द्वारा अदाणी समूह की कंपनियों के खिलाफ लगाए गए आरोपों की जांच कर रहा है.

अपनी प्रस्तुति में सेबी ने कहा है कि रिपोर्ट प्रकाशित होने के बाद तत्काल जांच शुरू कर दी गई थी, जिससे यह जाना जा सकते कि क्या उसके नियमों का उल्लंघन हुआ है. न्यायालय को भेजे नोट में जानकारी दी गई है कि विभिन्न प्रावधानों के तहत जांच हो रही है. इसमें सेबी  (प्रोहिबिशन आफ फ्राडुलेंट ऐंड अनफेयर ट्रेड प्रैक्टिसेज रिलेटिंग टु सिक्योरिटीज) रेगुलेशन, 2003, सेबी (प्रोहिबिशन आफ इंसाइडर ट्रेडिंग ) रेगुलेशन, 2015, सेबी (फॉरेन पोर्टफोलियो इन्वेस्टर्स) रेगुलेशन 2019, ऑफशोर डेरिवेटिव इंस्ट्रूमेंट (ओडीआई) मानक शामिल हैं.

सेबी यह भी देख रहा है कि क्या शॉर्ट सेलिंग मानकों का कोई उल्लंघन हुआ है. सेबी ने कहा कि मामले की जांच अभी शुरुआती स्तर पर है, इसलिए कुछ भी कहना उचित नहीं है कि इस दिशा में क्या क्या चल रहा है.

बाजार में गिरावट को लेकर सेबी ने कहा कि अमेरिकी इकाई शॉर्ट सेलर है. वह कंपनी के  बारे में अध्ययन करती है, चाहे वह प्रशासन का मामला हो या वित्तीय मसला, या दोनों ही हो सकता है. ऐसी कंपनियों के बॉन्डों व शेयरों में शॉर्ट पोजीशन लेना कंपनी की रणनीति होती है. सेबी ने कहा है कि अगर बाजार को रिपोर्ट पर भरोसा हो जाता है तो बॉन्डों व शेयरों के भाव गिरने लगते हैं.

सेबी ने आगे कहा कि जब एक बार गिरावट शुरू हो जाती है तो अन्य संस्थान, जिन्होंने स्टॉप लॉस की सीमा तय कर रखी होती है, वह भी बिकवाली शुरू कर देते हैं. उन पर इसका कोई असर नहीं पड़ता कि रिपोर्ट सही है या नहीं. इससे शेयर  के दाम नीचे जाने लगते हैं नियामक ने कहा कि  जिस कंपनी की चर्चा हो रही है, उसकी कई सूचीबद्ध कंपनियां भारत में है, जिसमें 2 का हाल में अधिग्रहण हुआ है.

जब शेयरों में उल्लेखनीय बढ़ोतरी हो रही थी तो सेबी के एएसएम (एडीशनल सर्विलांस मीजर्स) ढांचे ने कई मौकों पर निगरानी रखी. इसका ढांचा शेयरों में बहुत ज्यादा उतार चढ़ाव पर नियंत्रण के लिए है.

जारी है अदाणी के शेयरों में गिरावट

इस जवाब के बीच अदाणी के शेयरों की पिटाई जारी रही. सेबी द्वारा यह पत्र उच्चतम न्यायालय को सौंपे जाने के दूसरे दिन भी अदाणी के शेयर पिटे.

सुबह के सत्र में अदाणी एंटरप्राइजेज के शेयर BSE में 4.89 प्रतिशत गिरकर 1,633.5 रुपये प्रति शेयर, अदाणी पावर का शेयर गिरकर 148.30 रुपये, अदाणी ट्रांसमिशन का शेयर टूटकर 1,070.55 रुपये, अदाणी ग्रीन एनर्जी गिरकर 653.40 रुपये, अदाणी टोटल गैस के शेयर घटकर 1,135.60 रुपये रह गए. अदाणी विल्मर 393.60 रुपये प्रति शेयर पर पहुंच गया, जबकि NDTV के शेयर 188.35 रुपये रह गए.

ग्रांट थॉर्नटन करेगी अदाणी समूह की स्वतंत्र ऑडिट

उधर रॉयटर्स की एक खबर के मुताबिक अदाणी ग्रुप ने आरोपों और उसके दावों का मुकाबला करने के लिए अपनी कुछ कंपनियों के स्वतंत्र ऑडिट की योजना बनाई है. अदाणी समूह ने इसके लिए अकाउंटेंसी फर्म ग्रांट थॉर्नटन को नियुक्त किया है.

अदाणी समूह द्वारा आरोपों के जोरदार खंडन के बावजूद निवेशक चिंतित हैं. पिछले 3 हफ्तों में समूह की 7 सूचीबद्ध कंपनियों के शेयरों के बाजार मूल्य में 120 बिलियन डॉलर का नुकसान हुआ है.

अदाणी समूह ने पिछले हफ्ते कहा था कि वह हिंडनबर्ग रिपोर्ट के बाद कानूनी अनुपालन, संबंधित पक्ष लेनदेन और आंतरिक नियंत्रण से संबंधित मुद्दों के स्वतंत्र मूल्यांकन पर विचार कर रहा है. उसके बाद ग्रांट थॉर्नटन की नियुक्ति की बात सामने आई है.

रायटर्स ने कहा है कि ग्रांट थॉर्नटन को अदाणी समूह की कुछ कंपनियों का स्वतंत्र ऑडिट करने के लिए काम पर रखा गया है, हालांकि नियुक्ति गोपनीय है.  ग्रांट थॉर्नटन यह देखेगा कि अदाणी समूह के साथ लेनदेन करने वाले कॉर्पोरेट प्रशासन मानकों का पालन करते हैं या नहीं.

अदाणी समूह ने सोमवार को कहा कि उसके पास पर्याप्त नकदी है,जिससे निवेशक आश्वस्तहो सकें.कंपनी ने कहा कि उसकी योजनाएं पूर्ण वित्तपोषित हैं.

अमेरिकी शॉर्ट सेलर की रिपोर्ट में कहा गया है कि उसने कई “अघोषित संबंधित पार्टी लेनदेन” की पहचान की है, जहां कंपनी ने कानूनों काउल्लंघन किया है.

 

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