Which Company is no 1 in India

Which Company is no 1 in India : बाजार पूंजी में चौथे स्थान पर लुढ़का अदाणी समूह, आइए जानें कि कौन से 3 समूह उससे ऊपर हैं

क्या आप जानते हैं कि Which Company is no 1 in India ?  फिलहाल गौतम अदाणी समूह का नाम न लीजिए. एक समय में विश्व में नंबर 1 अमीर बनने की ओर बढ़े गौतम अदाणी की कंपनियों की औकात अब भारत की कंपनियों में ही चौथे स्थान पर पहुंच गई है. भारत की कंपनियों में पहले स्थान पर पर टाटा समूह की कंपनियां हैं, जिनकी संयुक्त बाजार पूंजी 21 लाख करोड़ रुपये है. वहीं दूसरे स्थान मुकेश अंबानी की कंपनियों की बाजार पूंजी 17 लाख करोड़ रुपये है. बजाज समूह की 9 कंपनियों की बाजार पूंजी 7.85 लाख करोड़ रुपये है. गौतम अदाणी समूह की कंपनियों की बाजार पूंजी इस समय बजाज समूह से 15 प्रतिशत नीचे आ गई है.

अदाणी समूह के शेयर का कारोबार अभी भी प्रीमियम पर

अदाणी समूह इतनी भयंकर पिटाई के बावजूद अपनी औकात से आगे चल रहा है. समूह की 10 कंपनियों के शेयर फरवरी के आखिरी शुक्रवार को 29.4 गुना प्राइस टु अर्निंग रेशियो (पीई) मल्टिपल पर कारोबार ककर रहे थे, जो सेंसेक्स के 22.5 गुना पीई के मुकाबले 36 प्रतिशत प्रीमियम पर है. वहीं अदाणी समूह की कंपनियों का प्राइस टु बुक (पीबी) अनुपात 4 गुना  है, जो बेंचमार्क इंडेक्स के पीबी अनुपात 3.3 गुना के मुकाबले 24 प्रतिशत ज्यादा है.

इस स्थिति को देखते हुए विश्लेषक मान रहे हैं कि इस समूह के शेयरों की कीमत में आगे और गिरावट आएगी.

अदाणी के किस शेयर का जलवा ज्यादा

अदाणी समूह की कंपनियों में सबसे ज्यादा जलवा अदाणी टोटाल गैस का है. इसका पीई 148.7 गुना है. अदाणी ग्रीन का पीई 125 गुना है.  अदाणी एंटरप्राइजेज का पीई 66.3 गुना है. वहीं अदाणी विल्मर का पीई शुक्रवार को 62 गुना रहा.

कितनी बची अदाणी समूह की औकात

24 जनवरी को शार्ट सेलिंग कंपनी हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आने के बाद अदाणी के शेयरों की बाजार पूंजी दो तिहाई कम हो गई है. रिपोर्ट के पहले समूह की 10 सूचीबद्ध कंपनियों की बाजार पूंजी 19.2 लाख करोड़ रुपये थी, जो अब घटते घटते 6.5 लाख करोड़ रुपये पर आ गई है.

अभी भी औकात से अधिक

अदाणी समूह की कंपनियों के शेयर अन्य बड़े कारोबारी समूह की कंपनियों के मुकाबले प्रीमियम पर कारोबार कर रहे हैं. टाटा समूह की 27 सूचीबद्ध‍ कंपनियों के शेयरों का कारोबार अभी 28.5 गुना पीई पर हो रहा है. यह अदाणी समूह के औसत मूल्यांकन अनुपात से करीब 3 प्रतिशत कम है.

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